[प्रकाशित दिनांक:- १२ नोव्हेंबर २०१६]
【अनुभव क्रमांक: १७२】
【"मेरा अनुभव"】
【"दैवी शक्ति पर अविश्वास, मतलब दुःखो का वास, अहंकार कि माया में उन्मत हो अज्ञान में चले दैवी शक्ति कि परीक्षा कि ओर"】
मेरा नाम 'शीतल गणेशजी उरकुडकर' है। आज मैं 'मेरा अनुभव' इस अनुभव मालिका मे मार्ग मे आने के बाद आया हुआ दैवी शक्ति का दुसरा अनुभव पेश कर रही हूँ।
महानत्यागी बाबा जुमदेवजीने हमे विश्व की सबसे अनमोल दैवी शक्ति प्राप्त करके दी है। भगवान ने यह भी बोला है की, "मानव यह बेईमान है", उनकी बात सही भी है। भगवान के कहने के मुताबिक उसमेसे मै एक मानव हूँ और बेईमान हूँ। क्योंकि जब हम इस मार्ग मे आये, तो हमारे सारे दुःख दुर हो गये। मम्मी-पापा एक भगवान को बहुत मानते थे, आज भी मानते है और हमेशा मानते रहेंगे।
लेकिन मै इतनी नासमझ थी की, शैतान और भगवान के बिच का अंतर नहीं समझ पायी। हमारे घर के पुरे दुःख दुर हो गये, हमारे घरका पपी (कुत्ता) था वो भी ठिक हो गया, पापा की दारू भी छुट गयी और घरमे सुख-समृद्धी भी आ गयी। लेकिन मै भगवान पर विश्वास नहीं करती थी। मुझे लगता था की ये सब ढोंग है, फालतू है। मै इस महान जागृत कृपा को समज ही नहीं पायी थी।
एक दिन मै ऐसेही सोच रही थी की, ये सब लोग पागल है जो पुजा वगैरे करते है, ढोंग है ये सब। मै ऐसा मन ही मन मे बोल ही रही थी, तभी अचानक मेरे पेट मे दर्द होने लगा और मुझसे वो दर्द बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था। तभी मैने 'भगवान बाबा हनुमानजी' और 'महानत्यागी बाबा जुमदेवजी' से मन ही मन मे विनंती करते हुवे बोली की, "अगर भगवान आप सच मे हो, ये दैवी शक्ति जो बाबा जुमदेवजीने प्राप्त की है वो सच मे है, अगर ये सब सच है, तो मेरा दर्द आप अभी के अभी दुर किजिये"। मै कभीभी इस भगवान को नहीं भुलुंगी, सदैव याद करूँगी।
बाबा ने मेरी पुकार सुन ली और मुझे पेट दर्द से मुक्त किया। भगवान बाबा हनुमानजी, मैने इस दैवी शक्ति पर शंका करके बहुत बडी भुल की बाबा। लाखो लोगोंका जीवन आपने सुखी बनाया, दुःखोसे भरी जिंदगी थी, उन्हे खुशियोंका समुंदर दिया और मै अज्ञानी लडकी इस कृपा को समझ ही नहीं पायी। मुझसे ज्यादा अज्ञानी तो शायद ढुंढके भी नहीं मिलेगा। लेकिन उस दिन से जब मुझे सिंख मिली, मुझे भगवान बाबा हनुमानजी और महानत्यागी बाबा जुमदेवजी पर पुरा विश्वास हुआ और मेरे बाबाने मुझे अंधेरेसे उजाले मे लाया।
इसलीये, मै सभी सेवकोंसे अनुरोध करती हूँ की, मैने जो गलती की, वो कोई और ना करे। महान त्यागी बाबा जुमदेवजीने प्राप्त की हुई शक्ति जागृत है और वो अपने गुणोसे हमे दिखाई देती है।
लिखने में भुलवश कोई गलती हुई है तो "भगवान बाबा हनुमानजी" एंव "महानत्यागी बाबा जुमदेवजी" इनसे क्षमा प्रार्थी हूँ।
नमस्कार...!
सेवक:- शीतल गणेश उरकुडकर
पता:- गट क्र.८, नागपुर
सेवक क्रमांक:- ४२९११
मार्गदर्शक:- श्री. किर्तीवानजी जिभकाटे
परमपूज्य परमात्मा एक सेवक मंडल वर्धमान नगर, नागपूर
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छान अनुभव दादा
ReplyDeleteछान अनुभव ताई
ReplyDeleteनमस्कार जी
खूप छान अनूभव
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